श्रीलंका में सीलोन विद्युत बोर्ड ने घाटा पूरा करने और वर्ष 2025 के शेष समय के लिए धन जुटाने के लिए बिजली शुल्क में 18 दशमलव तीन प्रतिशत की वृद्धि की मांग की है। यह जनवरी में सार्वजनिक उपयोगिता आयोग की बिजली की कीमतों में 20 प्रतिशत की कटौती करने के निर्णय के बाद हुआ है।
इस कटौती के कारण वर्ष के पहले तीन महीनों में ही 18 अरब रुपये का घाटा हुआ था। कम कीमतों के कारण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की समीक्षा में भी देरी हुई। कोष ने श्रीलंका से बिजली की कीमतों को वास्तविक लागत के अनुरूप रखने के लिए कहा था।