श्रीलंका ने, विदेशी वैज्ञानिक मिशनों को विनियमित करने के लिए स्पष्ट रूपरेखा की अनुपस्थिति में, अपने समुद्री क्षेत्र में अध्ययन के लिए संयुक्त राष्ट्र के ध्वज वाले अनुसंधान पोत को फिलहाल मंजूरी नहीं दी है। परन्तु, स्थानीय मीडिया के अनुसार इस सिलसिले में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र और विश्व खाद्य और कृषि संगठन -एफएओ ने चेतावनी दी है कि अगर श्रीलंका की ओर से ऐसा किया जाता है तो स्थायी मत्स्य पालन और समुद्री संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण डेटा इकट्ठा करना मुश्किल होगा। जिससे देश का ही नुकसान होगा।
श्रीलंका के वैज्ञानिक इस अभियान में शामिल होना चाहते हैं लेकिन अभी तक उनको इसकी अनुमति नहीं मिली है। श्रीलंका की पूर्व सरकार ने सुरक्षा कारणों से इस तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंद्ध लगा दिया था।
इस बीच, पिछले वर्ष दिसंबर में राष्ट्रपति दिसानायके ने अपनी भारत यात्रा के दौरान और इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान कहा था कि वह अपने क्षेत्र को भारतीय हितों के लिए हानिकारक किसी भी उपयोग की अनुमति नहीं देंगे।