श्रीलंका ने घोषणा की है कि वह जिनेवा में चल रहे 57वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के मसौदा प्रस्ताव 51/1 का विरोध करना जारी रखेगा। कैबिनेट प्रवक्ता और मंत्री विजिता हेराथ ने कहा कि श्रीलंका, बाहरी साक्ष्य संग्रह तंत्र की शक्तियों का विस्तार करने से संबंधित किसी भी प्रस्ताव पर सहमत नहीं हुआ है। श्री हेराथ ने कहा कि श्रीलंका स्थानीय तंत्र के माध्यम से मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है और श्रीलंका मानवाधिकार परिषद के साथ चर्चा जारी रखेगा।
पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की सरकार ने इस वर्ष मानवाधिकार से संबंधित मुद्दों के निपटान के लिए एक आयोग का गठन किया था।