श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने बिजली आपूर्ति से जुड़ी सभी सेवाओं को आवश्यक घोषित कर दिया है। इस संबंध में कल एक राजपत्र जारी किया गया। यह कदम सरकार और सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड-सीईबी के बीच बढ़ते तनाव के बाद उठाया गया है। ट्रेड यूनियनों ने सीईबी को चार अलग-अलग संस्थाओं में विभाजित करने के प्रस्तावों का कड़ा विरोध किया है।
श्रीलंका सरकार का तर्क है कि भारी वित्तीय घाटे को रोकने और बिजली क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए सुधार आवश्यक हैं, जो वर्ष 2022 के श्रीलंका के आर्थिक संकट के बाद से अक्षमता और बढ़ते कर्ज से जूझ रहा है।