श्रीलंका की सरकार ने श्रीलंकन एयरलाइंस से अपनी हिस्सेदारी वापस नहीं लेने का निर्णय किया है। स्थानीय मीडिया ने नेशनल पीपल्स पावर आर्थिक परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल जयंता के हवाले से कहा है कि सरकार पर्यटन के विकास को महत्व देते हुए राष्ट्रीय एयरलाइंस को कायम रखने में विश्वास करती है।
पिछली सरकार ने देश के स्वामित्व वाले उद्यमों की पुनर्गठन इकाई के जरिए राष्ट्रीय एयरलाइंस को बिक्री करने की योजना बनाई थी। इसमें छह कंपनियों ने अपनी बोली लगाई थी।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पिछले वर्ष 2 अरब 90 लाख डॉलर के बेल आउट पैकेज की स्वीकृति देकर श्रीलंकन एयरलाइंस को पुनर्गठन के लिए चुना था। एयरलाइंस पर 2022 की समाप्ति तक दो अरब डॉलर से अधिक का कर्ज था। इसे सबसे अधिक नुकसान में चलने वाली सरकारी स्वामित्व की एयरलाइंस माना गया था।