श्रीलंका की अर्थव्यवस्था 2025 की दूसरी तिमाही में साल-दर-साल 4 दशमलव 9 प्रतिशत बढ़ी। यह दशकों में देश के सबसे बुरे आर्थिक संकट से निरंतर सुधार के संकेत दर्शाती है। जनगणना एवं सांख्यिकी विभाग के अनुसार, 2015 के स्थिर मूल्यों पर जीडीपी 2,883 अरब रुपये तक पहुँच गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 2,749 अरब रुपये थी।
यह वृद्धि उद्योग में 5 दशमलव 8 प्रतिशत की वृद्धि, सेवाओं में 3 दशमलव 9 प्रतिशत विस्तार और कृषि में 2 प्रतिशत की वृद्धि के कारण हुई। 2022 में यह द्वीपीय राष्ट्र आर्थिक मंदी की चपेट में आ गया। जिसके कारण विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, मुद्रास्फीति में बेतहाशा वृद्धि और ईंधन एवं दवाओं में कमी आई।
उस वर्ष एक सॉवरेन डिफॉल्ट ने श्रीलंका को अंतर्राष्ट्रीय ऋणदाताओं के साथ बातचीत करने के लिए प्रेरित किया, जिसके परिणामस्वरूप आईएमएफ समर्थित स्थिरीकरण कार्यक्रम शुरू हुआ। तब से, सरकार ने मितव्ययिता उपायों को लागू किया है। ऋण का पुनर्गठन किया है। पर्यटन एवं प्रेषण के माध्यम से विदेशी मुद्रा प्रवाह में सुधार किया गया।