श्रावण मास के पांचवें और अंतिम सोमवार को देवों के देव महादेव के जलाभिषेक व पूजा अर्चना के लिए सुबह से ही प्रदेश भर के शिवालयों में भक्तों की कतारें लगी हुई हैं। अयोध्या में सावन के आखिरी सोमवार पर बड़ी संख्या में शिव भक्त सरयू में स्नान कर सिद्धपीठ नागेश्वर नाथ पर जलाभिषेक कर रहे हैं। श्रद्धालु शिव मंदिरों में पूजन के बाद हनुमानगढ़ी और श्री रामलला के दर्शन कर रहे हैं।
कानपुर नगर में स्थित आनंदेश्वर, सिद्धेश्वर नाथ, भूतेश्वर नाथ, वनखंडेश्वर, थानेश्वर, कोतवालेश्वर, झगड़ेश्वर, भूतेश्वर महादेव समेत अन्य सभी शिवालयों में भक्त भगवान शिव की पूजा और दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। बाराबंकी स्थित लोधेश्वर महादेव के पौराणिक शिव मंदिर में विभिन्न जनपदों से बड़ी संख्या में भक्त आज पहूुंच रहे हैं। यहां कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच लगभग पांच लाख श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का पूजन अर्चन और जलाभिषेक कर मनवांछित फल की कामना की। सावन का अंतिम सोमवार श्रवण नक्षत्र में पड़ने के कारण गाजीपुर में श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया।
गाजीपुर के सोमेश्वर नाथ धाम, महाहर महादेव समेत अन्य शिव मंदिरों में हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही गंगाजल बेलपत्र धतूरा, पुष्प आदि भगवान शिव को अर्पित कर रहे हैं। अमरोहा के प्रसिद्ध ऐतिहासिक वासुदेव तीर्थ स्थल पर भोर से भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। उधर, हसनपुर और धनौरा स्थित शिवालयों में भी बड़ी तादाद में शिव भक्त पहुंच रहे हैं। वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम समेत मारकंडेय महादेव और सारनाथ मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है। रक्षाबंधन पर आज बाबा विश्वनाथ को तिरंगा राखी बांधकर भाई-बहन के प्यार को बनाए रखने का संदेश दिया गया।
आज सावन का अंतिम सोमवार है। भगवान भोले की नगरी कही जाने वाली काशी में बाबा विश्वनाथ धाम सहित विभिन्न शिवालियों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में वर्षों पुरानी परंपरा की शुरुआत आज मंदिर प्रांगण में श्री विश्वनाथ जी की पंच बदन प्रतिमा के पंचगव्य स्नान के साथ शुरू हुई। विद्वान 11 अर्चकों, ट्रस्टी गण व अन्य गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में विधि विधान पूर्वक पंच बदन मूर्ति का पंचगव्य स्नान पूर्ण कराया गया।
इस दौरान शंख वादन और डमरू वादन भी हुआ, जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। आज बाबा का झूला श्रृंगार किया जाएगा। अबकी बार सावन में 45 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए है।