श्रम और रोजगार मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार आलोक चंद्र ने कहा है कि नई श्रम संहिताएं एक स्पष्ट, सुसंगत और कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए बनाई गई हैं जो व्यापारिक आवश्यकताओं और श्रमिक कल्याण के बीच संतुलन स्थापित करती हैं।
श्री चंद्र ने यह बात नई दिल्ली में अखिल भारतीय नियोक्ता संगठन-एआईओई की 91वीं वार्षिक बैठक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
श्रमिक कल्याण के बारे में श्री चंद्र ने कहा कि नए सुधारों के अंतर्गत सभी क्षेत्रों में न्यूनतम मजदूरी या न्यूनतम वेतन को सार्वभौमिक बनाया गया है जो पिछली रोजगार प्रणाली में शामिल नहीं था। श्री चंद्र ने आगे कहा कि ये संहिताएं पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ रात्रिकालीन शिफ्ट में महिलाओं के रोजगार को भी बढ़ावा देती हैं।
श्री चंद्र ने एफआईसीसी और एआईओई जैसे संगठनों से अपने नेटवर्क का उपयोग करके सदस्यों को नई संहिताओं के लाभों के बारे में शिक्षित करने का आग्रह किया। उन्होंने उनसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों-एमएसएमई को नए सरलीकृत मॉडल अपनाने में सहयोग करने का भी अनुरोध किया।