शारदीय नवरात्र के चौथे दिन आज मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा अर्चना की जा रही है। कुष्मांडा देवी सृष्टि की रचयिता मानी जाती हैं। इन्हें अष्टभुजा देवी के नाम से भी जानते हैं। आज घर-घर माता के इस स्वरूप की आराधना की जा रही है। राज्य के विभिन्न शक्ति पीठों और मंदिरों में आज सुबह से ही श्रद्धालु दर्शन पूजन कर रहे हैं। प्रसिद्ध शक्तिपीठ विंध्याचल में श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन कर रहे हैं।
शारदीय नवरात्र मेला शुरू होने के साथ ही आज विंध्य धाम में मां विंध्यवासिनी के जयकारे से पूरे दिन धाम परिसर गुंजायमान रहा। तरह-तरह के फूलों से हुए श्रृंगार के पश्चात जगत जननी मां विंध्यवासिनी के भव्य स्वरूप का दर्शन कर श्रद्धालु भाव विभोर हो रहे हैं। नवरात्र के चौथे दिन आज उत्साह से लबरेज देवी भक्तों से त्रिकोण पथ विंध्याचल, कालीखोह और अष्टभुजा देवी धाम गुलजार हो रहा है। माँ विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने के पश्चात मंदिर परिसर में अन्य विग्रहों का लोगों ने दर्शन किया। विंध्य धाम की विभिन्न गलियां माला, फूल, नारियल, चुनरी व प्रसाद की दुकानों से सजी रहीं। नवरात्र मेले के दौरान श्री विंध्य पंडा समाज के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के अलावा सुरक्षाकर्मी मुस्तैद रहे।
इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में प्रेरणा संस्था के सौजन्य से 51 सौ से ज्यादा कन्याओं का पूजन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि कन्या पूजन कार्यक्रम समाज में कन्याओं के महत्व को दर्शाता है।