उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारत के पारंपरिक ज्ञान, विचार, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक जीवन शैली ने विश्व का ध्यान हमेशा आकर्षित किया है। उपराष्ट्रपति आज कर्नाटक के बेलगावी में राष्ट्रीय पारंपरिक चिकित्सा संस्थान में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पारंपरिक औषधीय पद्धतियों और जानकारियों पर शोध किये जाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इससे समस्त समाज को लाभ मिलेगा। उन्होंने अनुसंधान और विकास में निवेश के महत्व पर भी बल दिया और कहा कि देश वैश्विक स्तर पर अनुसंधान केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार है।
उपराष्ट्रपति ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए कहा कि योग, सिद्धि तथा अन्य पारंपरिक ज्ञान से आधुनिक जीवनशैली के समक्ष आ रही चुनौतियों का समाधान तलाशने में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति और समृद्धि के लिए प्रत्येक व्यक्ति और समाज में उत्तम स्वास्थ्य के लक्षण होने आवश्यक हैं। हमारी अगली पीढ़ी को पारंपरिक ज्ञान से लाभ उठा कर इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल करना होगा। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत भी उपस्थित थे।