विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व के तहत आज मावली परघाव की रस्म अदा की जा रही है। इसके तहत शक्तिपीठ दंतेवाड़ा से बस्तर दशहरा में शामिल होने आई मावली माता और मां दंतेश्वरी की डोली और छत्र को विधि-विधान पूवर्क पूजा-अर्चना के बाद राजपरिवार के सदस्य, राजगुरू और पुजारी बाजे-गाजे तथा आतिशबाजी के साथ परघाकर लाएंगे।
इसे ही मावली परघाव कहा जाता है। वहीं, कल भीतर रैनी की रस्म अदा की जाएगी। इस रस्म में आठ पहिये वाले दो मंजिला विशालकाय रथ में मां दंतेश्वरी के छत्र को रखकर विधि-विधान से परिक्रमा कराई जाएगी।
इस बीच, बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए आज कोंडागांव से मांझी, चालकी, गायता और पुजारी के परंपरागत् समूहों ने विदाई ली। विदाई समारोह में स्थानीय विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष लता उसेंडी शामिल हुईं। कोंडागांव से रवाना हुई यह टोली जगदलपुर में आयोजित बस्तर दशहरा महोत्सव में शामिल होंगी।