विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम के तहत आज अल्मोड़ा स्थित गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान में सूखे से निपटने वाले जंगली खाद्य पदार्थों और औषधीय पौधों का रोपण किया गया। 26 मई से 05 जून तक चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत भूमि बहाली, सूखे से निपटने और मरुस्थलीकरण का रोकथाम विषय के तहत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। पर्यावरण आंकलन व जलवायु परिवर्तन केंद्र के प्रमुख और संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जे.सी. कुनियाल ने सभी को सूखे से निपटने वाले जंगली खाद्य पदार्थों और औषधीय पौधों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जंगली खाद्य पदार्थों और औषधीय पौधे का पारंपरिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी पत्तियां और छाल टैक्सोल का मुख्य स्रोत होती है, जिसमें कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने की एक अनूठी क्षमता होती है।
Site Admin | मई 28, 2024 7:45 अपराह्न
विश्व पर्यावरण दिवस कार्यक्रम के तहत अल्मोड़ में सूखे से निपटने वाले जंगली खाद्य पदार्थों और औषधीय पौधों का रोपण किया गया
