संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने आगाह किया है कि विश्वभर में इलैक्ट्रॉनिकी से होने वाले कचरे बढ़ रहे हैं। इसकी पुनर्चक्रण दर कम है और बाद में इसमें और भी कमी होने की संभावना है। एजेंसियों ने ई-कचरे को खराब उपकरण के रूप में परिभाषित किया है। इनमें प्लग या बैटरी, मोबाइल फोन, इलैक्ट्रोनिक खिलौने, टीवी सेट, माइक्रोवेव ओवेन, ई-सिगरेट, लैपटॉप कम्प्यूटर और सौर पैनल शामिल हैं। एजेंसियां इलेक्ट्रिक वाहनों के कचरों को इसमें शामिल नहीं करती हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ और अनुसंधान आर्म (यूएनआईटीएआर) ने एक रिपोर्ट में कल बताया कि 2022 में लगभग 62 करोड़ टन ई-कचरे जमा हुए। 2030 तक इन कचरों के 82 करोड़ टन तक जमा होने की संभावना है।
सभी ई-कचरों का आधा हिस्सा एशिया से होता है। रिपोर्ट के अनुसार ई-कचरा या इसके संग्रह पर कुछ देशों में कानून भी है। यूरोप में पुनर्चक्रण और संग्रह दर चालीस प्रतिशत अधिक है। यहां प्रति व्यक्ति कचरा उत्पत्ति दर सबसे अधिक यानी लगभग 18 किलोग्राम है।