निर्वाचन आयोग ने कहा है कि विशेष गहन पुनरीक्षण के अंतर्गत बिहार में 99 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं को शामिल किया गया है। आयोग ने कहा कि बूथ लेवल अधिकारियों के अनुसार एक लाख मतदाताओं का पता नहीं चल सका है। आयोग ने कहा कि 21 लाख 60 हजार मतदाताओं का निधन हो चुका है।
31 लाख 50 हजार से अधिक मतदाता स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं और 7 लाख मतदाता एक से अधिक जगहों पर पंजीकृत हैं। घर-घर जाकर जाँच करने के बावजूद, लगभग 7 लाख मतदाताओं के फ़ॉर्म अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं। मतदाता सूची का मसौदा पहली अगस्त को प्रकाशित किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि कोई भी मतदाता या राजनीतिक दल इस वर्ष पहली सितंबर तक नाम छूटने की स्थिति में दावा कर सकता है। गलत नाम शामिल होने के बारे में आपत्ति भी दर्ज कराई जा सकती है।