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मई 15, 2024 1:46 अपराह्न

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विदेश मंत्री डॉ सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा–चाबहार बंदरगाह से समूचे क्षेत्र को लाभ होगा और इसे लेकर संकीर्ण विचार नहीं रखना चाहिए

विदेश मंत्री डॉ सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि चाबहार बंदरगाह से समूचे क्षेत्र को लाभ होगा और इसे लेकर संकीर्ण विचार नहीं रखना चाहिए। कोलकाता में कल रात एक कार्यक्रम में उन्‍होंने कहा कि विगत में अमरीका भी इस सच्‍चाई को स्‍वीकारता रहा है कि चाबहार बंदरगाह काफी प्रासंगिक है। भारत ने सोमवार को रणनीतिक ईरानी बंदरगाह चाबहार को संचालित करने के लिए दस वर्ष के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। यह अनुबंध मध्‍य एशिया के साथ व्‍यापार को बढ़ाने में नई दिल्‍ली के लिए मददगार होगा। अमरीका ने चेतावनी दी है कि ईरान के साथ व्यापारिक समझौता रखने वाले किसी भी देश पर प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना है। ऊर्जा से समृद्ध ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित ओमान की खाडी पर चाबहार बंदरगाह है। यह बंदरगाह भारतीय माल को अंतर्राष्‍ट्रीय उत्‍तर-दक्षिण परिवहन गलियारा – आई.एन.एस.टी.सी. नामक रेल परियोजना तथा सड़क का प्रयोग करके मध्‍य एशिया और दुर्गम अफगानिस्‍तान में पहुंचने का एक प्रवेश द्वार प्रदान करेगा। भारत और ईरान ने इस बंदरगाह को सात हजार 200 किलोमीटर लम्‍बे आई.एन.एस.टी.सी. के एक मुख्‍य केन्‍द्र के रूप में पेश किया है। यह बंदरगाह भारत, ईरान, अफगानिस्तान, अर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्‍य एशिया और यूरोप में माल ले जाने के लिए एक बहु उद्देशीय परिवहन परियोजना है।