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सितम्बर 28, 2025 8:22 पूर्वाह्न

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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा- भारत का एक पड़ोसी देश वैश्विक आतंकवाद का केंद्र

विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि भारत के पास एक ऐसा पड़ोसी देश है जो वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है और भारत ने आजादी के बाद से ही आतंकवाद की चुनौती का सामना किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. जयशंकर ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दशकों से दुनिया में हुए बड़े आतंकवादी हमलों की जड़ें उसी एक देश से जुड़ी रही हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में उसके नागरिक भी शामिल हैं। विदेश मंत्री ने इस साल अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र किया जिसमें निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और इसके अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया।
 
डॉ. जयशंकर ने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र इस समय संकट की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि सुधारों का विरोध संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता के क्षरण का मुख्य कारण रहा है। उन्होंने परिषद की स्थायी और अस्थायी, दोनों सदस्यता के विस्तार का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एक सुधारित परिषद को वास्तव में प्रतिनिधित्वपूर्ण होना चाहिए और भारत बड़ी ज़िम्मेदारियाँ उठाने के लिए तैयार है।
 
डॉ. जयशंकर ने कहा कि दुनिया अब टैरिफ में अस्थिरता और अनिश्चित बाज़ार पहुँच देख रही है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जोखिम कम करना अब एक मजबूरी है चाहे वह आपूर्ति के सीमित स्रोतों से हो या किसी ख़ास बाज़ार पर अत्यधिक निर्भरता से ।
 
डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा अपने फैसले स्‍वयं लेता रहेगा और हमेशा ग्‍लोबल साउथ की आवाज़ बनेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्र अपने लोगों की रक्षा करने और देश-विदेश में उनके हितों की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने ‘आत्मनिर्भरता’, ‘आत्मरक्षा’ और ‘आत्मविश्वास’ की तीन प्रमुख अवधारणाओं पर जोर दिया जो समकालीन दुनिया में भारत का दृष्टिकोण स्‍पष्‍ट करती हैं।