विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि बहुपक्षवाद के दबाव के समय में ब्रिक्स तर्क और रचनात्मक बदलाव की एक मज़बूत आवाज़ बनकर खड़ा है। डॉ. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के अवसर पर न्यूयॉर्क में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में यह बात कही। विदेश मंत्री ने कहा कि इस अशांत दुनिया में, ब्रिक्स को शांति निर्माण, संवाद, कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय कानून के पालन के संदेश को मज़बूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंगों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार के लिए सामूहिक आह्वान को और मज़बूत करना चाहिए।
व्यापार प्रवाह पर बढ़ते संरक्षणवाद, शुल्क अस्थिरता और गैर-शुल्क बाधाओं के प्रभाव पर ज़ोर देते हुए, डॉ. जयशंकर ने कहा कि ब्रिक्स को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करनी चाहिए। डॉ. जयशंकर ने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार ब्रिक्स सहयोग के अगले चरण को परिभाषित करेंगे।
बाद में डॉ. जयशंकर ने भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका-आईबीएसए संवाद मंच के मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में आईबीएसए ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में परिवर्तनकारी सुधार का मजबूती से आह्वान किया गया।
इससे पहले, डॉ. जयशंकर ने कोलंबिया के विदेश मंत्री रोज़ा योलांडा विलाविसेनियो के साथ भारत-लैटिन अमरीकी और कैरेबियाई देशों के समुदाय-सीईएलएसी की बैठक की सह-अध्यक्षता भी की। कृषि, व्यापार, स्वास्थ्य, डिजिटल प्रौद्योगिकी, मानवीय सहायता और आपदा राहत और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में मौजूदा व्यापक सहयोग को मज़बूत करने पर सहमति व्यक्त की गई।
डॉ. जयशंकर ने संयुक्त अरब अमारात, रूस, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रिया, क्यूबा, रोमानिया और सिएरा लियोन के विदेश मंत्रियों से द्विपक्षीय वार्ता की।