विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए और प्रतिस्पर्धा संघर्ष नहीं बननी चाहिए। उन्होंने नई दिल्ली में आज एशिया सोसाइटी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्यूंग-व्हा कांग के साथ भारत-चीन संबंधों पर बातचीत में यह बात कही।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर से दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ सुधार हुआ है और दोनों देश अपने संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों अपने संबंधों को फिर से सुधारने के प्रयास कर रहे हैं।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन कई मुद्दों पर प्रतिस्पर्धा करते हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा का अर्थ दोनों देशों के बीच संघर्ष नहीं होना चाहिए। उन्होंने अमरीका के रुख में बदलाव और चीन के उदय के साथ बुनियादी बदलाव की ओर भी इशारा किया।