विदेशमंत्री डॉ० सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा कि भारत, भारत-यूरोपीय संघ के निकटतम संबंधों के लिए नीदरलैण्डस के समर्थन और मुक्त व्यापार समझौते के समापन को महत्व देता है। डॉ० जयशंकर ने आज नई दिल्ली में नीदरलैण्ड्स के विदेशमंत्री मंत्री डेविड वैन वील के साथ बैठक के बाद सोशल मीडिया पोस्ट में यह बात कही।
श्री जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने व्यापार, रक्षा, नौवहन, जल, कृषि, स्वास्थ्य और संस्कृति सहित द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। डॉ० जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने सेमीकंडक्टर, प्रतिभा गतिशीलता और नवीकरणीय में नए अवसरों को तलाशने पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि दोनों मंत्रियों ने दोनों पक्षों के वैश्विक मुद्दों और बहुपक्षीय सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि दोनों नेताओं ने हाल के वर्षों में साझेदारी में हुई महत्वपूर्ण प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने संबंधों के कार्यनीतिक आयाम को सशक्त बनाने के प्रति अपनी साझा वचनबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने पिछले महीने जोहान्सबर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन से अलग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीदरलैण्ड्स के प्रधानमंत्री डिक शूफ़ के साथ हुई हाल की बैठक सहित नियमित उच्च स्तरीय वार्ताओं की सराहना की। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय पक्ष फरवरी 2026 में नई दिल्ली में होने वाले एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री डिक शूफ़ का स्वागत करने को उत्सुक है। नीदरलैण्ड्स ने द्विपक्षीय सम्बंधों को और सशक्त करने तथा बढ़ाने के लिए नीदरलैण्ड्स का आधिकारिक दौरा करने के लिए प्रधानमन्त्री को दिए निमंत्रण को दोहराया।
दोनों मंत्रियों ने सेमीकंडक्टर, रक्षा, डिजिटल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाईड्रोजन, शिक्षा और गतिशीलता सहित उभरती प्रौद्योगिकियों के नए क्षेत्रों में साझेदारी को विस्तार देने के लिए दोनों पक्षों के प्रयासों का स्वागत किया। उन्होंने भारत-नीदरलैण्ड्स साझेदारी के प्रमुख स्तम्भों में से एक व्यापार और आर्थिक संबंधों का उल्लेख किया। उन्होंने संयुक्त व्यापार और निवेश समिति स्थापित करने संबंधी निर्णय सहयोग को प्रगाढ करने, व्यापार सुगमता के मुद्दों को सुलझाने और द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने में मददगार होगा।
भारत और नीदरलैंड्स के समृद्ध समुद्री इतिहास का स्मरण करते हुए, दोनों मंत्रियों ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर के विकास के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन का स्वागत किया। उन्होंने समुद्री और जहाजरानी विशेष रूप से हरित जहाजरानी के क्षेत्रों में बंदरगाह विकास और जहाज निर्माण के क्षेत्र में चल रहे सहयोग को और मजबूत करने पर भी चर्चा की। आज समाप्त हुई अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा के दौरान, अतिथि ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल से मुलाकात की। उन्होंने नोएडा स्थित एक डच सेमीकंडक्टर कंपनी का भी दौरा किया।