विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कल मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। तीन दिन की रूस यात्रा के दौरान डॉक्टर जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी भेंट की तथा क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श के साथ द्विपक्षीय एजेंडे की समीक्षा की। दोनों देशों ने संतुलित तरीके से द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने का संकल्प लिया। बातचीत के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉक्टर जयशंकर ने गैर शुल्क व्यवधानों और विनियामक बाधाओं को तेजी से दूर करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से भारत और रूस के संबंध विश्व के भरोसेमंद संबंधों में रहे है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तालमेल, नेतृत्व संपर्क और भावनात्मक लगाव इस संबंधों का प्रमुख आधार रहा है। डॉक्टर जयशंकर और श्री लावरोव ने आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर भी विचार किया।
श्री जयशंकर ने कहा कि व्यापार और निवेश के जरिए ऊर्जा सहयोग बनाए रखना महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं ने वैश्विक शासन संचालन में सुधार के लिए भारत और रूस की साझा प्रतिबद्धता दोहराई। यूक्रेन, पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान की स्थिति पर भी विचार-विमर्श हुआ। विदेशमंत्री जयशंकर ने व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग के 26वें सत्र की भी सह-अध्यक्षता की और भारत-रूस व्यापार फोरम को संबोधित किया।