विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर आज न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करेंगे। जिसका विषय है – कोई पीछे न रह जाये: वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए शांति, सतत विकास और मानवीय गरिमा के उन्नयन के लिए मिलकर काम करना। विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
डॉ. जयशंकर ने कल न्यूयॉर्क में होंडुरास के विदेश सचिव एनरिक रीना के साथ भारत और दक्षिण अमरीकी तथा कैरेबियाई देशों के संगठन सेलक के विदेश मंत्रियों की बैठक की सह-अध्यक्षता की। बैठक में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, स्वच्छ ऊर्जा और क्षमता निर्माण पर चर्चा हुई। डॉ. जयशंकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता-एआई, ई-मोबिलिटी, अंतरिक्ष, स्मार्ट कृषि और ड्रोन में अधिक भागीदारी की संभावनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत और सेलक राजनीतिक सहयोग तथा प्रगाढ़ होते आर्थिक संबंधों से दक्षिण-दक्षिण सहयोग और मजबूत होगा। डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत और सेलक संगठन के बीच बहुपक्षवाद को सुधारने की प्रतिबद्धता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा से अलग भारत-कैरीकॉम के विदेश मंत्रियों की भी एक बैठक भी हुई। डॉ. जयशंकर ने डोमिनिका के अपने समकक्ष विंस हेंडरसन के साथ बैठक की सह-अध्यक्षता की। भारत-कैरिकॉम साझेदारी को उन्नत बनाने और स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, फिनटेक, क्षमता निर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा तथा खाद्य सुरक्षा में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई। डॉ. जयशंकर ने कहा कि कैरीकॉम के साथ भारत का रिश्ता पिछले बेहतर अनुभवों के साथ जुड़ा हुआ है जो वर्तमान जरूरतों को पूरा करता है और एक उज्जवल भविष्य की आकांक्षा रखता है।
डॉ. जयशंकर ने उत्तरी मैसेडोनिया के अपने समकक्ष टिमको मुकुनस्की के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। दोनों मंत्रियों ने क्षेत्रीय निवेश, सम्पर्क और सहयोग पर चर्चा की।