वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 17 दशमलव सात प्रतिशत बढकर 19 लाख 58 हजार करोड रुपए हो गया है। पिछले साल यह 16 लाख 64 हजार करोड रुपए था। इस वित्त वर्ष का संग्रह, बजट अनुमान से सात दशमलव चार प्रतिशत यानी एक लाख 35 हजार करोड रुपए ज्यादा है। पिछले वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह का बजट अनुमान 18 लाख 23 हजार करोड रुपए रखा गया था। बाद में उसे बढाकर 19 लाख 45 हजार करोड रुपए कर दिया गया था और अनुमानित संग्रह उस संशोधित अनुमान से भी 13 हजार करोड रुपए अधिक है। यह आंकडे वित्त मंत्रालय ने जारी किए है।
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रिफंड को समायोजित करने से पहले प्रत्यक्ष कर के सकल संग्रह में उससे पहले के वित्त वर्ष की तुलना में साढे 18 प्रतिशत यानी 23 लाख 37 हजार करोड रुपए की अच्छी बढत दर्ज की गई है।
व्यक्तिगत आयकर का सकल संग्रह 12 लाख एक हजार करोड रुपए रहा, जो पिछले साल की तुलना में 24 दशमलव दो-छह प्रतिशत अधिक है, जबकि कुल वृद्धि 25 दशमलव दो-तीन प्रतिशत यानी 10 लाख 44 हजार करोड रुपए की रही।
वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने तीन लाख उन्नासी हजार करोड रुपए के प्रत्यक्ष कर रिफंड जारी किए, जो एक साल पहले की तुलना में 22 दशमलव सात-चार प्रतिशत यानी तीन लाख नौ हजार करोड रुपए अधिक है।