वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आयकर विभाग से करदाताओं को भेजे जाने वाले नोटिस की भाषा को सरल और स्पष्ट बनाने का आह्वान किया है, जिससे करदाताओं में डर की भावना पैदा न हो। नई दिल्ली में आयकर के 165वें वर्ष के कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर नोटिस या पत्र की भाषा सरल होनी चाहिए, जिससे सामान्य करदाता इसे आसानी से समझ सके। श्रीमती सीतारामन ने भेजे गए नोटिस के कारण का स्पष्टीकरण शामिल करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
श्रीमती सीतारामन ने कहा कि आयकर विभाग को अपनी शक्तियों का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए ताकि व्यवसायों को परेशानी न हो। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि 72 प्रतिशत करदाता पुरानी व्यवस्था से नई कर व्यवस्था में आए हैं। उन्होंने कहा कि नए करदाताओं की संख्या बढ़ी है और कर दायरा भी बढ़ रहा है। इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि करदाता देश के आर्थिक विकास की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने देश में आयकरदाताओं का विश्वास प्राप्त करने में सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि सरकार देश के कर ढांचे को तर्कसंगत बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों से सहयोगात्मक प्रयासों की अपील की। वित्त मंत्री ने इस अवसर पर कस्टमाइज्ड माई स्टैम्प जारी किया।