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नवम्बर 19, 2024 9:33 पूर्वाह्न

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वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के उद्यमों के लिए शुद्ध लाभ का 30% या कुल मूल्य का 4% वार्षिक लाभांश अनिवार्य किया

वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के उद्यमों के लिए अपने शुद्ध लाभ का न्यूनतम 30 प्रतिशत अथवा कुल मूल्य का 4 प्रतिशत वार्षिक लाभांश के रूप में देना अनिवार्य कर दिया है। निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग-दीपम ने इस संबंध में संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार, अब केंद्रीय उद्यमों को अपने शेयर वापस ख़रीदने का विकल्प उपलब्ध होगा। हालांकि, इसके लिए आवश्यक होगा कि उनके शेयर का बाज़ार मूल्य लगातार छह महीने तक बही मूल्य से कम हो। यह भी आवश्यक होगा कि इन उद्यमों का शुद्ध मूल्य कम से कम 3 हज़ार करोड़ रूपए का हो और उनके पास नकदी तथा बैंक जमाराशि डेढ हज़ार करोड़ रूपए से अधिक की हो। ये कंपनियां बोनस शेयर जारी कर सकेंगी,बशर्ते उनका रिज़र्व और अतिरिक्त राशि पेड-अप शेयर पूंजी से 20 गुना अधिक हो।

   

संशोधित दिशानिर्देश के अनुसार, केंद्र सरकार की ऐसी कोई भी कंपनी अपने शेयरों का विभाजन कर सकेगी जिसका बाज़ार मूल्य उसके वास्तविक मूल्य से डेढ सौ गुना अधिक हो। शेयर विभाजन के लिए कम से कम तीन वर्ष का अंतराल भी रखना होगा।

   

नए दिशानिर्देश उन सहायक कंपनियों पर भी लागू होंगे जिनकी 51 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी धारक कंपनी के पास हो।

   

ये दिशानिर्देश सरकारी बैंकों, सरकारी बीमा कंपनियों और निकाय कॉरपोरेट पर लागू नहीं होंगे।