विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा है कि उसने मिक्स्ड मैट्रिक्स मेम्ब्रेन नामक एक नई मिश्रित झिल्ली विकसित की है, जो प्रयोगशालाओं या औद्योगिक सेटिंग्स में अमोनिया या अन्य अमीन लीक का पता लगाने में मदद करती है। मनुष्यों के लिए खतरनाक अमोनिया और अन्य एलिफैटिक एमाइन का उपयोग रसायन, उर्वरक और खाद्य उद्योगों के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है। इसलिए, इन रसायनों का पता लगाना प्रभावी पर्यावरण और जल निगरानी के लिए आवश्यक है । साथ ही यह ऑन-साइट गैस रिसाव और आपदाओं को रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मोहाली, की डॉ. मोनिका सिंह की शोध टीम ने इस झिल्ली को विकसित किया है।