पिछले दस वर्षों में घरेलू उर्वरक उत्पादन में जबर्दस्त वृद्धि देखी गई है। यूरिया का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2024-25 में तीन सौ छह लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन हुआ। यह वर्ष 2013-14 में उत्पादित यूरिया से 35 प्रतिशत ज्यादा है।
वर्ष 2013-14 में दो सौ 27 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन हुआ था। मंत्रालय ने बताया है कि डायअमोनियम फॉस्फेट-डीएपी, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम का उत्पादन पिछले दस वर्ष में एक सौ 10 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर एक सौ 58 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा हो गया है। मंत्रालय ने इस बात को रेखांकित किया कि भू-राजनैतिक परिस्थितियों के कारण देश में उर्वरक की आपूर्ति प्रभावित होने के बावजूद सरकार ने उर्वरक पर सब्सिडी देकर किसानों को राहत देने के कदम उठाए हैं।
किसानों को 45 किलोग्राम यूरिया की बोरी दो सौ 42 रुपये और डीएपी की बोरी 13 सौ पचास रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मिल रही है। उर्वरक मंत्रालय ने यूरिया का उत्पादन बढ़ाकर और वैश्विक निविदाओं के माध्यम से खरीद कर देशभर में यूरिया की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित की है। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी और अनुचित मूल्य वृद्धि के खिलाफ कड़े कदम सुनिश्चित करें। सरकार ने जोर दिया है कि वह सभी किसानों को यूरिया की समय पर और समान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्प है।