केन्द्रीय मंत्रिमंडल की ओर से पाली और प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिये जाने के निर्णय का स्वागत किया जा रहा है। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में पाली और बौद्ध अध्ययन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर सिद्धार्थ सिंह ने स्वागत करते हुए आकाशवाणी समाचार से विशेष बातचीत में कहा कि यह भाषा विशेष रूप से जैन और बौद्ध ग्रंथों के क्षेत्र में भारत की समृद्ध साहित्यिक विरासत के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में काम करेगी।
Site Admin | अक्टूबर 8, 2024 10:32 पूर्वाह्न
वरिष्ठ प्रोफेसर सिद्धार्थ सिंह ने पाली और प्राकृत भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिये जाने के निर्णय का स्वागत किया