फ़रवरी 24, 2025 1:08 अपराह्न

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लोहारी-नागपाला जल विद्युत परियोजना के लिए बनी सुरंगों में सुरक्षात्मक कार्य कर बंद किया जाएगा

उत्तरकाशी जिले में वर्ष 2010 में पर्यावरणविदों के आंदोलन के बाद बंद हुई लोहारी-नागपाला जल विद्युत परियोजना के लिए बनी सुरंगों में सुरक्षात्मक कार्य कर उन्हें बंद किया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम की ओर पहले चरण में सर्वे कर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। यह अधूरी सुरंगें भूकंप और आपदा के दृष्टिकोण से भविष्य में बड़ा खतरा बन सकती हैं। वर्ष 2006 में 2 हजार 775 करोड़ की लागत से एन.टी.पी.सी. ने भागीरथी नदी पर 600 किलोवाट की लोहारी नागपाला परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया था। इस इसमें सोनगाड़ के समीप बांध और साथ ही सोनगाड़ से थिरांग तक करीब 10 से अधिक सुरंगों का निर्माण हो चुका था। लेकिन वर्ष 2010 में पर्यावरणविद जी.डी अग्रवाल ने इस परियोजना के विरोध में उत्तरकाशी में धरना शुरू कर दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने यह परियोजना बंद कर दी थी। इसमें करीब 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका था। वहीं आधी-अधूरी परियोजना का रख-रखाव न होने के कारण अब इसकी खाली पड़ी सुरंगे भूकंप और आपदा के दृष्टिकोण से बड़ा खतरा बन सकती है। इन सुरंगों के ऊपर बसे कुज्जन, तिहार, भंगेली आदि गांव के ग्रामीण भी बरसात और भूकंप के दौरान भय के साये में जीते हैं। उत्तराखंड जल विद्युत निगम के जन सम्पर्क अधिकारी विमल डबराल ने कहा कि ग्रामीण लंबे समय से सुरक्षा की मांग कर रहे थे। इस संबध में एनओसी संबंधित कार्यवाही की जा रही है। वहीं इस पर सुरक्षात्मक कार्य के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

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