केन्द्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ0 एल मुरूगन ने कहा है कि लोगों तक सही सूचना और गुणवत्तापूर्ण सामग्री का प्रसारण करना प्रसारकों की एक बड़ी जिम्मेदारी है। डॉ0 मुरूगन ने आज नई दिल्ली में इंडिया मोबाइल कांग्रेस में प्रसारण क्षेत्र में उभरते साधनों और प्रौद्योगिकियों पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित किया।
उन्होंने भविष्य के लिए नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने के महत्व और प्रसारण की परिवर्तनकारी शक्ति का उल्लेख किया। श्री मुरूगन ने कहा कि केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने हाल ही में 234 शहरों में 730 नये प्राइवेट रेडियो चैनल स्थापित करने की मंजूरी दी है। डॉक्टर मुरूगन ने सभी के लिए उच्च गुणवत्ता की मीडिया सामग्री की पहुंच सुनिश्चित करने तथा आर्थिक विकास में प्रसारण क्षेत्र की भूमिका को सशक्त बनाने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी के प्रयोग की सरकार की वचनबद्धता की पुष्टि की।
उन्होंने व्यापार की सुगमता को बढ़ाने के लिए सिंगल विंडो प्रणाली के प्रसारण के जरिए भारत में सामग्री उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एनीमेशन, विजुअल एफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिए जाने का भी आग्रह किया।
इस अवसर पर सूचना तथा प्रसारण सचिव संजय जाजू ने प्रसारण क्षेत्र में नियामक नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका और उभरती प्रौद्योगिकियों से आगे रहने के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने प्रसार भारती की डायरेक्ट टू मोबाइल-डीटूएम प्रसारण पहल का भी उल्लेख किया। यह पहल लाइव टीवी की सामग्री को बिना इंटरनेट कनैक्शन के मोबाइल उपकरण पर प्रसारण योग्य बनाएगी। श्री जाजू ने सस्ते जनसंचार उपकरण के रूप में डिजिटल रेडियो की संभावना का उल्लेख किया। यह उपकरण बेहतर ध्वनि गुणवत्ता प्रदान करने तथा स्पैक्ट्रम के अधिकतम प्रयोग को बढ़ावा देगा।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने प्रौद्योगिकी और नियमन की परिवर्तनकारी भूमिका को प्रसारण के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के महत्वपूर्ण विकास क्षेत्र का उल्लेख किया। इस क्षेत्र का 2026 तक तीन खरब रूपये तक पहुंच जाने का अनुमान है। श्री लाहोटी ने कहा कि डायरेक्ट टू मोबाइल प्रसारण इंटरनेट के बगैर एक वैकल्पिक सामग्री प्रसारण प्रौद्योगिकी के रूप में उभर रहा है।