लोकसभा में सबका बीमा सबकी रक्षा बीमा अधिनियम संशोधन विधेयक, 2025 पारित हो गया है। इस विधेयक के माध्यम से बीमा अधिनियम, 1938, भारतीय जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 और बीमा विनियामक तथा विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 में संशोधन का प्रावधान है।
यह विधेयक बीमा क्षेत्र के विकास और वृद्धि को गति देने तथा बीमाधारकों को बेहतर सुरक्षा देने के उद्देश्य से लाया गया है। साथ ही, इसमें बीमा कंपनियों के लिए कारोबार आसान करने और नियमन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और क्षेत्र पर बेहतर नियामक निगरानी सुनिश्चित करने का प्रावधान है।
चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि सरकार ने जनता के कल्याण के लिए कई बीमा योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि इन कंपनियों को सक्षम रूप से प्रतिस्पर्धा करने के लिए 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी डाली गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में हुई 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी माफ करने का निर्णय लिया गया है।
श्रीमती सीतारामन ने कहा कि जीएसटी परिषद सचिवालय इस बात की निगरानी कर रहा है कि जीएसटी कटौती का लाभ बीमाधारकों तक पहुंच रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार बीमा क्षेत्र के नियामक तंत्र को मजबूत करने के लिए कदम उठा रही है। वित्त मंत्री ने लोगों के बीच बीमा के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।
इससे पहले, सदन में विधेयक पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि यह विधेयक बेहतर नियामक निगरानी, अनुपालन में आसानी और बीमा मध्यस्थों द्वारा निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करने का प्रावधान करता है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य पारदर्शिता लाना, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाना और अनुपालन से जुड़ी समस्याओं को सरल बनाना है। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और कृषि बीमा योजना जैसे कई प्रमुख कार्यक्रम शुरू किए हैं। इनका उद्देश्य उन सबसे गरीब वर्गों तक बीमा सुविधा पहुंचाना है जो बीमा का खर्च नहीं उठा सकते। उन्होंने कहा कि प्रीमियम कम रखकर बीमा को सभी के लिए सुलभ बनाया गया है।
श्रीमती सीतारामन ने यह भी कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियां देश की जनता की बीमा आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
डीएमके पार्टी के डीएम काथिर आनन्द ने विधेयक और बीमा क्षेत्र में शत-प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इसके प्रावधान का विरोध किया। उन्होंने विधेयक को वापस लेने या जांच के लिए संसद की स्थायी समिति के समक्ष इसे भेजने की मांग की।
भाजपा के कोंडा विशवेशवर रेड्डी ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना सहित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई विभिन्न बीमा योजनाओं की सराहना की।
विधेयक पारित करने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।