लोकसभा में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक-2025 को विचार और पारित कराने के लिए रखा गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने सदन में यह विधेयक पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य केन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1984 मे संशोधन करना है। इसमें भारत में निर्मित या उत्पादित वस्तुओं पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क लगाने और संग्रहित करने का प्रावधान है। विधेयक का उद्देश्य तम्बाकू के उत्पादों पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क की दर को संशोधित करना है ताकि इन उत्पादों पर करों की दर को मौजूदा स्तर पर रखा जा सके। इस विधेयक के तहत कच्चे तम्बाकू, बने हुए तम्बाकू से बने उत्पादों पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क बढ़ेगा।
चर्चा की शुरूआत करते हुए डॉ डी पूरनदेश्वरी ने कहा कि तम्बाकू का सेवन देश में एक बडी समस्या है और लगभग 13 लाख 50 हजार मौतें कैंसर, ह्दय और फेफडों से जुड़े रोगों के कारण होती है। उन्होंने कहा कि विश्व में तम्बाकू से होने वाली मौतें में से लगभग 17 प्रतिशत भारत में होती हैं। उन्होंने कहा कि यह विधेयक तम्बाकू उत्पादों के मूल्य में स्थिरता लाएगा तथा समाज में युवाओं को इसके उपयोग के लिए हतोत्साहित करेगा। इस विधेयक से राज्यों के राजस्व पर कोई असर नहीं पड़ेगा और राज्यों को केन्द्र से मिलने वाली 42 प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी वैसे ही मिलती रहेगी।
कांग्रेस के कार्ति पी चिदम्बरम ने कहा कि तम्बाकू के उत्पादों के उपयोग के कारण होने वाला आर्थिक नुकसान सालाना लगभग दो लाख करोड़ रूपये है। उन्होंने कहा कि यह धारणा गलत है कि तम्बाकू उत्पादों के दाम बढ़ेने से इसका सेवन कम करने में मदद मिलेगी क्योंकि लोग इसके अन्य विकल्प तलाश लेंगे। उन्होंने कहा कि तम्बाकू के उपयोग की समस्या के लिए एक समग्र योजना तथा तम्बाकू क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को अन्य क्षेत्रों में भेजने की जरूरत है।
समाजवादी पार्टी के नरेश चंद्र उत्तम पटेल ने सरकार से यह विधेयक स्थायी समिति को भेजने की मांग की क्योंकि इस विधेयक को तम्बाकू की खेती करने वालों पर असर पड़ेगा।