लोकसभा में आज भारतीय संविधान के 75 वर्ष की शानदार यात्रा पर विशेष चर्चा शुरू हुई। चर्चा शुरू करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान ने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को स्पर्श करते हुए राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त्र किया। उन्होंने कहा कि संविधान देश के सांस्कृतिक मूल्यों की अभिव्यक्ति है।
रक्षामंत्री ने कहा कि 75 वर्ष पहले संविधान सभा ने नव स्वतंत्र भारत के लिए संविधान बनाने की प्रक्रिया संपन्न की थी। लगभग तीन वर्ष की गंभीर बहस और विचार-विमर्श के बाद देश को यह संविधान मिला। उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने जो संविधान बनाया वह केवल आधिकारिक दस्तावेज नहीं है बल्कि लोगों की अभिव्यक्ति है।
विपक्षी कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से आक्षेप करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सविधान को विशेष पार्टी के योगदान के रूप में प्रस्तुत करने के प्रयास किये गए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान किसी एक पार्टी का योगदान नहीं है बल्कि यह भारत के मूल्यों के अनुरूप अतुलनीय और क्रांतिकारी दस्तावेज है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत के संविधान में लिखित धर्म के अनुरूप कार्य कर रही है।
रक्षामंत्री ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां गरीब परिवार में जन्मा व्यक्ति भी देश का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बन सकता है। उन्होंने कहा कि संविधान के निर्माण में अनेक नेताओं के योगदान को जान-बूझकर अनदेखा किया गया। उन्होंने कहा कि मदनमोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, भगत सिंह और वीर सावरकर जैसे नेताओं के विचारों से संविधान को मजबूती मिली।