लोकसभा में आज केंद्रीय बजट पर चर्चा फिर शुरू हुई। चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि बजट ने लोगों को निराश किया है। उन्होंने संसद भवन में डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा को स्थानांतरित करने पर सवाल उठाया। श्री चन्नी ने कहा कि इस बजट में पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में बाढ़ से प्रभावित पंजाब के लोगों के लिए कुछ नहीं दिया गया है। श्री चन्नी की टिप्पणियों पर सदन में कांग्रेस सांसदों और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच तीखी बहस भी हुई।
बजट पर पक्षपात के आरोपों का खंडन करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुनील तटकरे ने कहा कि उनके राज्य महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा विकास राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन शासन के दौरान हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार के अच्छे कार्यों की विपक्षी सदस्यों द्वारा भी प्रशंसा करना सदन की परंपरा रही है लेकिन इस बार विपक्ष सिर्फ आलोचना के लिए बजट की आलोचना कर रहा है।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि यह हाल के दिनों का सबसे विभाजनकारी बजट है। उन्होंने कहा कि बजट की कई विशेषताएं कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र से ली गई हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए शिक्षा ऋण योजना पश्चिम बंगाल सरकार की योजना की नकल है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल सरकार का बकाया धन रोकने का मुद्दा भी उठाया।
भारतीय जनता पार्टी के बैजयंत पांडा ने केंद्रीय बजट को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि बजट का दायरा व्यापक है और देश को आगे ले जाने के लिए आवश्यक सुधारों वाला है। उन्होंने कहा कि भारत लगातार दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। कांग्रेस के हिबी ईडन ने कहा कि बजट ने देश के युवाओं को रोजगार के अवसरों से वंचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना-मनरेगा का बजट नहीं बढ़ाया गया है।
जनता दल यूनाईटेड के आलोक कुमार सुमन, तेलगु देशम पार्टी के बस्तीपति नागराजू, समाजवादी पार्टी के राजीव राय, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, लोक जनशक्ति पार्टी के अरुण भारती, शिवसेना के धैर्यशील माने, आम आदमी पार्टी के मालविंदर सिंह कंग, राष्ट्रीय जनता दल के सुधाकर सिंह, नेशनल कॉन्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद, सीपीआई (एमएल) के राजा राम सिंह, डीएमके के सी एन अन्नादुराई, आरएलडी के चंदन चौहान और जेडी (एस) के एम मल्लेश बाबू ने अन्य लोगों के साथ चर्चा में भाग लिया। बाद में लोकसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।