लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर राज्य विधानसभाओं की समितियाँ गठित करने का आह्वान किया जहाँ अब तक तक ऐसी समितियाँ गठित नहीं की गई हैं। आज भुवनेश्वर में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर संसद और राज्य विधानसभाओं की समितियों के अध्यक्षों के दो दिन के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में श्री बिरला ने कहा कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों पर संसदीय समिति को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए ऐसी समितियों की सिफारिश करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर संसदीय समिति ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि केंद्र और राज्यों की विभिन्न योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर उपलब्ध कराया जाए और समाज के इन वर्गों के लिए बजटीय प्रावधानों का उचित व्यय किया जाए। श्री बिरला ने कहा कि समानता का समाज लाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है ताकि वर्ष 2047 तक बाबा साहेब बी.आर. आम्बेडकर के सपनों को साकार किया जा सके।
सम्मेलन में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, समिति के अध्यक्ष डॉ. फग्गन सिंह कुलस्ते और अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति कल्याण संबंधी संसदीय समिति के सदस्य और विभिन्न राज्यों की समितियों के 120 से अधिक प्रतिनिधि इसमें हिस्सा ले रहे हैं।