लेबनान और इस्राइल ने अमरीका की अध्यक्षता वाली संघर्षविराम निगरानी समिति की बैठक के हिस्से के रूप में दशकों में पहली बार आम लोगों के प्रतिनिधियों के साथ कल बातचीत की। हालांकि, लेबनान के अधिकारियों ने कहा कि ये शांति वार्ता नहीं थी और इससे रिश्तों के सामान्य होने का कोई रास्ता नहीं दिखा।
यह बैठक इस्राइल की सीमा के पास लेबनान के नक़ौरा में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना युनिफिल के मुख्यालय में हुई। यह बैठक इस्राइल और हिज़्बुल्लाह के बीच नवंबर 2024 के युद्धविराम की देखरेख की मौजूदा प्रणाली का हिस्सा था। पहली बार दोनों देशों ने सैन्य अफ़सरों के अलावा आम लोगों के दूत भी भेजे। लेबनान की तरफ़ से अधिवक्ता और अमरीका में पूर्व राजदूत साइमन करम वार्ता में शामिल हुए जबकि इस्राइल ने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के एक अधिकारी उरी रेसनिक को बैठक में भेजा। इस्राइल और लेबनान के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं और तकनीकी रूप से 1948 से अभी भी युद्ध में हैं। लेबनान के प्रधानमंत्री नवाफ सलाम ने साफ तौर पर कहा कि लेबनान 2002 के अरब शांति पहल के लिए प्रतिबद्ध है।
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बैठक को ऐतिहासिक और देशों के बीच संबंधों तथा आर्थिक सहयोग का आधार बनाने की शुरुआती कोशिश के तौर पर देखा। अमरीका ने दोनों पक्षों पर दबाव डाला है कि वे समिति का दायरा सिर्फ युद्धविराम की देखरेख से आगे बढ़ाएं, ताकि इलाके में स्थिरता आए और संघर्ष का अंत हो सके। यह बैठक बढ़ते तनाव और नाजुक सुरक्षा स्थिति के बीच हुई।