पिछले कई दिनों से हो रही बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण प्रदेश में गंगा, यमुना, घाघरा और शारदा नदी अलग-अलग स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं। फर्रुखाबाद में गंगा नदी, लखीमपुर में शारदा और बलरामपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान से महज आधा मीटर नीचे है। इसके अलावा बिजनौर बैराज से पानी छोड़े जाने से अमरोहा में गंगा नदी उफान पर है। प्रदेश के 11 जनपदों में बाढ़ जैसे हालात हैं। उधर, प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार रात बड़े हनुमान मंदिर परिसर में गंगा जल का प्रवेश हो गया।
गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने से संगम क्षेत्र लबालब हो गया है। जलस्तर बढ़ने के कारण बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर और नए घाटों का कार्य रोक दिया गया है। इसके अलावा सलोरी और राजापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित पानी की निकासी रोक दी गई है। इस साल दूसरी बार गंगानदी का जल बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश कर गया। संगम सहित अन्य घाटों पर जल स्तर बढ़ने से देश के कोने-कोने से आने वाले शद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ी हैं। संगम क्षेत्र पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं को बांध पर ही स्नान करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं सुरक्षा के मद्देनजर नजर गंगा के सभी घाटों पर जल पुलिस की कंपनियां तैनात कर दी। प्रवीण मिश्र, आकाशवाणी समाचार, प्रयागराज। इस बीच, मौसम विभाग ने प्रदेश में 48 घंटों के भीतर मध्यम से तेज वर्षा की संभावना जताई है। मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने बताया कि गोरखपुर और बस्ती मंडल समेत आसपास के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है।