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दिसम्बर 27, 2024 9:18 पूर्वाह्न

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लगातार छठे वर्ष 2023-24 में भी बढ़ा भारतीय बैंकों का लाभ

 
भारत के बैंकों का लाभ लगातार छठे वर्ष 2023-24 में भी बढ़ा। बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां -एनपीए घटकर 13 वर्ष के निचले स्तर 2 दशमलव 7 प्रतिशत पर आ गईं। भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत के बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है और यह बैंकों के ऋण और जमा में लगातार वृद्धि से भी उजागर होती है। भारत के मैक्रो फंडामेंटल्स ने बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्रों के प्रदर्शन के साथ मजबूती को बढ़ावा दिया है।
 
 
 
बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ। बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए) का अनुपात मार्च 2024 के अंत में 13 वर्षों में सबसे कम 2.7 प्रतिशत और सितंबर 2024 के अंत में 2 दशमलव 5 प्रतिशत पर आ गया। रिजर्व बैंक के अनुसार बैंकों की पूंजी स्थिति संतोषजनक है। यह उनके पूंजी से जोखिम भारित परिसंपत्ति अनुपात-सीआरएआर जैसे प्रमुख मापदंडों से उजागर होती है।
 
 
 
सितंबर के अंत तक बैंकों के कुल ऋण में शुद्ध फंसे हुए ऋण की हिस्सेदारी कम होकर शू्न्य दशमलव पांच-सात प्रतिशत हो गई जबकि यह मार्च के अंत में शून्य दशमलाव छह-दो प्रतिशत थी। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों एनबीएफसी की संपत्ति गुणवत्ता वर्ष 2023-24 में सुधरी और उनके बही-खाते में दो अंकों की मजबूत वृद्धि रही। एनबीएफसी ने अपने बही खाते को बेहतर करते हुए उधारी में जबरदस्त ढंग से विस्तार किया। अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लाभ में भी सुधार हुआ। 
 

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