डिंडोरी जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में रेवा स्वास्थ्य कैम्प के माध्यम से बांटी जा रही दादी की पोटली कुपोषण की जंग में वरदान साबित हो रही है। कुपोषित बच्चों को दादी की पोटली उनके घरों तक पहुंचाने का जिम्मा जिला प्रशासन के अधिकारियों ने निभाया। उन्होंने गोद लिए बच्चों को दादी की पोटली निजी तौर पर जाकर सौंपी और निरंतर बच्चों की निगरानी भी की। इसके परिणाम स्वरुप 190 बच्चे अब सामान्य श्रेणी में आ गए। वहीं शेष 31 गंभीर कुपोषित बच्चों में सुधार जारी है। 261 कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने गोद लिया है। दादी की पोटली में दवाईयां, पोषण अनाज और स्वच्छता किट प्रदान की जाती है। किट में रूमाल, टूथब्रश, नेलकटर, वैसलीन जैसी स्वच्छता बढाने वाली सामग्री भी है।
Site Admin | मई 15, 2024 3:23 अपराह्न
रेवा स्वास्थ्य कैम्प के माध्यम से बांटी जा रही दादी की पोटली कुपोषण की जंग में वरदान
