कांग्रेस नेता शशि थरूर ने स्वीकार किया है कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख का विरोध करना उनकी गलती थी।
कल नई दिल्ली में रायसीना डायलॉग में उन्होंने कहा कि 2022 में भारत की तटस्थ स्थिति की आलोचना करने के लिए उन्हें अफसोस है। श्री थरूर ने रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने पर भारत के रुख की आलोचना की थी और आक्रमण की निंदा करने का आह्वान किया था।
कांग्रेसी सांसद ने कहा कि देश के पास वास्तव में एक ऐसा प्रधानमंत्री है जो यूक्रेन और रूस दोनों के राष्ट्रपति को दो सप्ताह के अंतराल पर गले लगा सकता है और दोनों जगहों पर स्वीकार किया जा सकता है।
उन्होंने सुझाव दिया कि रूस और यूक्रेन के युद्ध विराम के लिए सहमत होने पर भारत शांति सैनिकों को भेजने पर विचार कर सकता है। रूस ने नाटो देशों के यूरोपीय शांति सैनिकों को अस्वीकार कर दिया है जिससे भारत एक संभावित विकल्प बन गया है।