रुद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी में आई आपदा के बाद राहत और बचाव अभियान पूरा हो गया है। इसमें 15 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों और स्थानीयों को हवाई व पैदल मार्गों से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। यह जानकारी प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से भेंट के दौरान दी। आपदा सचिव ने राज्यपाल को बताया कि 31 जुलाई को केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग पर अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं रेस्क्यू अभियान की सतत् निगरानी की। 6 जुलाई को राहत व बचाव कार्य सफलतापूर्वक संपन्न कर लिए गए, जिसमें 15 हजार से अधिक यात्री व स्थानीय लोगों को हवाई और पैदल मार्गों से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। श्री सुमन ने बताया कि अतिवृष्टि से 29 स्थानों पर भू-स्खलन की चपेट में आने से केदारनाथ पैदल मार्ग और सड़क मार्ग अवरुद्ध हुआ है। पेयजल औरबिजली की लाइनों सहित बड़ी संख्या में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं। उन्होंने बताया कि जो मार्ग क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें ठीक करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए एक एमआई और एक चिनूक सहित राज्य के 5 हेलीकॉप्टर के माध्यम से यात्रियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
सचिव ने बताया कि राहत व बचाव कार्यों में लगभग 1200 मानव संसाधन के अलावा स्थानीय लोगों का भरपूर सहयोग रहा। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस अभियान को जिस तत्परता से अंजाम दिया गया वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि खराब मौसम के बावजूद इस अभियान को पूरी योजनाबद्ध तरीके से संपन्न किया गया, उसके लिए इस अभियान में शामिल सभी कार्मिक सराहना के पात्र हैं। राज्यपाल ने कहा कि इस तरह की चुनौतियों से आगे के लिए सबक लेने की जरूरत है।
Site Admin | अगस्त 9, 2024 4:19 अपराह्न
रुद्रप्रयाग जिले की केदारघाटी में राहत और बचाव अभियान हुआ पूरा
