राज्य सरकार रुद्रपुर और श्रीनगर में बायोगैस संयंत्रों का निर्माण करेगी, जिससे जैविक खाद और बायो पेंट का उत्पादन भी किया जाएगा। योजना के तहत इन दो स्थानों पर बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जाएंगे, जो दुग्ध प्रसंस्करण और बेकरी उत्पादों में बायोगैस का उपयोग करेंगे। रुद्रपुर में आंचल पशुआहार निर्माणशाला के तहत एक हजार किलोग्राम बायो सीएनजी उत्पादन क्षमता वाला बायोगैस संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
इसे बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर मॉडल में स्थापित किया जाएगा, और इसका संचालन प्राइवेट हिस्सेदार द्वारा किया जाएगा। वहीं, श्रीनगर गढ़वाल में 400 किलोग्राम प्रतिदिन बायोगैस उत्पादन क्षमता वाला एक बायोगैस संयंत्र संयुक्त उद्यम मॉडल पर स्थापित किया जाएगा, जिसमें प्राइवेट पाटर्नर द्वारा संयंत्र का संचालन और गोबर उपार्जन किया जाएगा। इस संयंत्र से बायोगैस का उपयोग दुग्ध प्रसंस्करण और बेकरी उत्पादों के निर्माण में किया जाएगा।
इसके अलावा तीन मीट्रिक टन जैविक खाद और आवश्यकतानुसार बायो पेंट का उत्पादन भी किया जाएगा। श्रीनगर के आसपास 29 दुग्ध समितियां और 2 गौशालाएं हैं, जिनसे गोबर की खरीद की जाएगी। गोबर की खरीद किसानों से दो रुपये प्रति किलोग्राम और गांव-समिति स्तर पर एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से की जाएगी।
मुख्य सचिव ने पेयजल विभाग को योजना के सफल संचालन के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही डेयरी विकास विभाग को बायोगैस योजनाओं के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन का आदेश दिया है।
उन्होंने बायो गैस संयंत्रों के लिए गोबर, अन्न आदि स्थानीय किसानों से खरीदने के निर्देश दिए हैं।