मई 14, 2025 6:41 अपराह्न

printer

रुद्रनाथ की यात्रा के लिए अनिवार्य रूप से कराना होगा पंजीकरण, 140 श्रद्धालु ही प्रतिदिन जा सकेंगे रुद्रनाथ

चमोली जिले में स्थित पंच केदरों में से एक चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट आगामी 18 मई को खुलने हैं। भगवान रुद्रनाथ की यात्रा की आज शीतकालीन गद्दी स्थल गोपीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद शुरुआत हो गई है। गोपीनाथ मन्दिर में पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के गर्भ गृह से भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए मंदिर परिसर में रखा गया है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

 

आज और कल भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए मंदिर परिसर में ही मौजूद रहेगी। 16 मई को डोली प्रातः रुद्रनाथ के लिए प्रस्थान करेगी। 18 मई को ब्रह्म मुहूर्त में भगवान रुद्रनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

कपाट खुलने को लेकर मंदिर समिति के साथ ही प्रशासन और केदारनाथ वन प्रभाग ने तैयारियां शुरु कर दी है। इस बार रुद्रनाथ यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए वन प्रभाग की ओर से पारिस्थितिकी विकास समिति का गठन किया गया है। साथ ही यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या भी निर्धारित की गई है।

 

बीते वर्षों की रुद्रनाथ यात्रा पर गए श्रद्धालुओं की संख्या और संरक्षित क्षेत्र के पर्यावरण व पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुये इस वर्ष श्रद्धालुओं की धारण क्षमता के अनुरुप प्रतिदिन 140 श्रद्धाओं की संख्या निर्धारित की गई है।

यात्रा के सुचारु संचालन के लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से श्रद्धालुओं के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए वेबसाइट तैयार की गई है। जिसमें रूद्रनाथ आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा। रुद्रनाथ यात्रा को लेकर केदारनाथ वन प्रभाग की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है।

 

इसके तहत यात्रा से पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण कराने, यात्रा के दौरान प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल कम करने, तय यात्रा मार्ग से ही यात्रा करने और स्थानीय गाइड को अवश्य साथ ले जाने की अपील गई है।

 

गौरतलब है कि रुद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव की मुख की पूजा की जाती है। कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में 6 महीने, भगवान रुद्रनाथ की पूजा-अर्चना गोपीनाथ मंदिर में की जाती है।