केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राष्ट्रीय हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि चाहे रूसी तेल हो या कुछ और, दरों और लॉजिस्टिक्स के मामले में हम अपनी आवश्यकताओं के अनुसार निर्णय लेंगे। श्रीमती सीतारामन ने दोहराया कि भारत के आयात बिल में कच्चे तेल का योगदान सबसे ज़्यादा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी सुधार से देश में नागरिक अधिक खपत करेंगे और इसका पूंजीगत व्यय पर कोई असर नहीं पड़ेगा। श्रीमती सीतारामन ने कहा कि 99 प्रतिशत वस्तुएँ और सेवाएँ अब शून्य, 5 या 18 प्रतिशत कर के दायरे में हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब केंद्र ने मुआवज़ा उपकर और जीएसटी जैसे दोनों मुद्दों पर व्यापक प्रस्ताव पर विचार किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम और अल्कोहल उत्पाद जीएसटी के दायरे से बाहर रहेंगे।
श्रीमती सीतारामन ने बताया कि सरकार 50 प्रतिशत अमरीकी शुल्क से प्रभावित निर्यातकों की सहायता के उपायों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इन निर्यातकों के लिए एक पैकेज तैयार किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य न केवल देश में हर चीज का उत्पादन करना है, बल्कि अनिश्चित वैश्विक व्यापार नीतियों के सामने आत्म-सम्मान भी बनाए रखना है।