राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय – एनएलयू दिल्ली ने आज अपना 12वां दीक्षांत समारोह मनाया। इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय की न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और एनएलयू दिल्ली के कुलाधिपति, न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना ने दीक्षांत भाषण में विद्यार्थियों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि यह उपाधि केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं बल्कि संविधानिक मूल्यों की रक्षा और समाज की सेवा का आह्वान है। उन्होंने स्नातकों को न्यायालय के अधिकारी और संविधान के संरक्षक बनने का संदेश दिया।
वहीं, आशीष सूद ने अपने संबोधन मेंइस अवसर को न केवल स्नातकों बल्कि उनके माता-पिता और शिक्षकों के लिए भी ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने विद्या और धर्म के अभिन्न संबंध पर बल देते हुए कहा कि विधि की शिक्षा पाने वाले विद्यार्थी समाज और संविधान के प्रति विशेष दायित्व निभाने के लिए तैयार रहें।