केंद्र सरकार की नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित राष्ट्रीय लघु जल विद्युत नीति 2024 पर हितधारक परामर्श की विशेष कार्यशाला शुक्रवार को पीटरहॉफ में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार प्रबोध सक्सेना ने की। इस दौरान नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिंद्र एस भल्ला भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
मुख्य सचिव ने कहा कि विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश देश के अन्य राज्यों के लिए नए रास्ते दिखाने का कार्य करता आया है। यहां पर सार्वजनिक निजि भागीदारी माॅडल के नए आयाम स्थापित किए गए हैं। प्रदेश सरकार ऊर्जा पर कोई खर्च नहीं करती है बल्कि इन हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट से सरकार को आय प्राप्त हो रही है।
उन्होंने कहा कि हाइड्रो पावर प्रोजेक्टस के सामने अब कई चुनौतियां खड़ी हो चुकी है। इसमें से सबसे बड़ी चुनौती वित्त की है लेकिन प्रस्तावित नीति के मुताबिक केंद्र सरकार प्रोजेक्टस को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार हर विषय पर सहयोग देने के लिए हमेशा तत्परता से तैयार रहती है। लेकिन हितधारकों को सोचना चाहिए कि सरकार की ओर से छूट प्रदान होने के बाद समस्या को समाधान करने में दिक्कतें पेश क्यों आ रही है।