राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में मोबाइल हेल्थ टीमों द्वारा बच्चों व किशोरों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है। इस दौरान जहां बच्चों की उम्र के आधार पर लंबाई, वजन, खून की जांच, दांतों की जांच, चमड़ी रोग, आंखों की जांच तथा कुपोषण की जांच की जा रही है तो वहीं कमियों के आधार पर अग्रिम जांच के लिये बच्चों को अस्पतालों को भी भेजा रहा है। स्वास्थ्य खंड पधर के अंतर्गत गत पांच माह के दौरान लगभग 9 हजार बच्चों व किशोरों की स्वास्थ्य जांच की गई है।
इस बात की पुष्टि करते हुए खंड चिकित्साधिकारी पधर डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में किशोरों व बच्चों की मोबाइल हेल्थ टीमों के माध्यम से स्वास्थ्य जांच की जा रही है। गत अप्रैल से अगस्त माह के दौरान लगभग 9 हजार बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है। इस अवधि के दौरान जहां 155 स्कूलों में 61 सौ किशोर व किशोरियों की स्वास्थ्य जांच की गई है तो वहीं 225 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लगभग 29 सौ बच्चों की स्वास्थ्य जांच भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य जांच के दौरान जहां स्कूलों में 16 किशोरों व 20 किशोरियों में खून की कमी पाई गई है तो वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में 8 बच्चों में खून कम पाया गया है। इसके अतिरिक्त स्कूलों में जहां 69 किशोर तथा 49 किशोरियां कुपोषित पाई गई हैं तो वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में यह आंकड़ा 18 रहा है। मोबाइल हेल्थ टीमों द्वारा स्वास्थ्य जांच के दौरान बच्चों में पाई गई कमियों के आधार पर आगामी चिकित्सीय जांच के लिये उन्हें नजदीकी अस्पताल, न्यूट्रिशनल रिहैबिलिटेशन सेंटर (एनआरसी) मंडी एवं डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (डीईआईसी) नेरचौक को भेजा गया है ताकि उन्हें समय रहते उपचार की सुविधा मिल सके।
पोषण माह अभियान के दौरान स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में जांचे 16 सौ किशोर व बच्चे
डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि गत सितंबर माह में आयोजित हुए पोषण अभियान के दौरान 53 स्कूलों व 27 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लगभग 16 सौ किशोरों व बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई। इस दौरान जहां 10 किशोर व 18 किशोरियों में पोषण तो वहीं 4 किशोर व 5 किशोरियों में खून की कमी पाई गई है।
इस दौरान इन बच्चों को बेहतर खान-पान तथा व्यक्तिगत साफ-सफाई बारे भी जागरूक किया गया। इसी अवधि के दौरान 80 गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच व टीकाकरण भी किया गया। जांच के दौरान एक महिला एनीमिया से ग्रसित पाई गई तथा महिला को संतुलित एवं पोषक आहार लेने की सलाह दी गई।