राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जल की उपलब्धता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी से मिलकर काम करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज के समय में जल चक्र को प्रभावित कर रहा है।
नई दिल्ली में आज छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 और प्रथम जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार वितरण समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि देश में सीमित जल संसाधनों को देखते हुए जल का कुशल उपयोग आवश्यक है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष शुरू किए गए जल संरक्षण जनभागीदारी कार्यक्रम के अंतर्गत 35 लाख से अधिक भूजल पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण किया गया है। राष्ट्रपति ने पुरस्कार विजेताओं को जल संरक्षण प्रयासों के लिए बधाई दी।
इस अवसर पर, जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल, जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमन्ना और राज भूषण चौधरी भी उपस्थित थे। सर्वश्रेष्ठ ज़िला, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ संस्थान, सर्वश्रेष्ठ विद्यालय और सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति सहित दस श्रेणियों में 46 विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए।
महाराष्ट्र ने सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि गुजरात दूसरे और हरियाणा तीसरे स्थान पर रहे। प्रथम पुरस्कार जीतने पर महाराष्ट्र सरकार में जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि यह पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अंतर्गत जल संरक्षण और सिंचाई के क्षेत्र में निरंतर प्रयास की दिशा में राज्य के संकल्प को दर्शाता है।