राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज गैबोरोन में बोत्सवाना के राष्ट्रपति डूमा बोको के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और आपसी हित के कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, कृषि, स्वास्थ्य, रक्षा, खनन, कौशल विकास और डिजिटल प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य सेवा और औषधि क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति मुर्मु ने बोत्सवाना को एंटी रेट्रोवायरल-एआरवी दवाइयाँ भेजने के भारत के निर्णय की भी घोषणा की। एआरवी दवाओं का उपयोग एचआईवी संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है। राष्ट्रपति डूमा बोको ने कहा कि भारत औषधियों, विशेष रूप से जेनेरिक दवाओं का एक अग्रणी निर्माता है और यह समझौता बोत्सवाना की गुणवत्तापूर्ण और किफायती दवाओं तक पहुँच को सुगम बनाएगा जिससे बोत्सवाना की स्वास्थ्य सेवा की एक सतत समस्या का समाधान होगा। उन्होंने एआरवी दवाओं के प्रस्ताव के लिए भारत के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रोजेक्ट चीता पर भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई। यह चीतों के विलुप्त होने के दशकों बाद, उन्हें भारत में पुनः स्थापित करने की भारत की एक अनूठी पहल है। इसके अंतर्गत बोत्सवाना से 8 चीते भारत भेजे जाएंगे। कल बोत्सवाना में राष्ट्रपति मुर्मु की उपस्थिति में चीतों का प्रतीकात्मक हस्तांतरण किया जाएगा।
राष्ट्रपति डूमा बोको ने शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और कौशल विकास में मजबूत सहयोग का हवाला देते हुए अपने देश के विकास में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि जीवन के अधिकार और पेटेंट पर भारत के ऐतिहासिक फैसले बोत्सवाना की न्याय व्यवस्था के लिए भी प्रासंगिक हैं। भारत के डिजिटल परिवर्तन को प्रेरणादायी बताते हुए उन्होंने कहा कि एक अरब चालीस करोड लोगों की सेवा करने में इसकी सफलता बोत्सवाना की अपनी डिजिटल यात्रा के लिए बहुमूल्य सबक प्रदान करती है। उन्होंने भारत के ग्लोबल साउथ अभियान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी पहलों की भी प्रशंसा की।
राष्ट्रपति मुर्मु ने राष्ट्रपति डूमा बोको से मुलाकात के बाद डायमंड ट्रेडिंग कंपनी बोत्सवाना का भी दौरा किया। हीरों का व्यापार पारंपरिक रूप से भारत-बोत्सवाना आर्थिक संबंधों पर हावी रहा है, और भारत बोत्सवाना से निर्यात किए जाने वाले हीरों के लिए महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। बोत्सवाना में हीरा तराशने और पॉलिश करने वाली अधिकांश इकाइयाँ प्रवासी भारतीयों के स्वामित्व में हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु सांसदों को भी संबोधित करेंगी और बोत्सवाना में भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी बातचीत करेंगी। बोत्सवाना के कई गणमान्य व्यक्ति भी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे।
राष्ट्रपति मुर्मु अंगोला यात्रा समाप्त करने के बाद कल बोत्सवाना की राजधानी पहुँचीं। यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इन दोनों अफ्रीकी देशों की पहली राजकीय यात्रा है।