राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अफ्रीका की दो देशों की राजकीय यात्रा के पहले चरण में अंगोला पहुँच गई हैं। वे भारतीय समयानुसार कल रात 11 बजे राजधानी लुआंडा पहुँचीं। यह किसी भी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की अंगोला की पहली राजकीय यात्रा है। दोनों देश इस वर्ष राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इसलिए यह यात्रा महत्वपूर्ण है।
इस वर्ष दोनों देशों के बीच यह दूसरी उच्च स्तरीय बैठक है। इससे पहले मई में, अंगोला के राष्ट्रपति ने नई दिल्ली का दौरा किया था। आज राष्ट्रपति मुर्मु लुआंडा स्थित राष्ट्रपति भवन में अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंजाल्विस लौरेंको के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी। इसके बाद दोनों देश आपसी हितों के मुद्दों से जुडे समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
इस वार्ता में इस वर्ष मई में नई दिल्ली में हुई पिछली उच्च स्तरीय वार्ता में दोनों देशों के बीच चर्चा किए गए मुद्दों को आगे बढ़ाने की संभावना है। राष्ट्रपति मुर्मु मंगलवार तक अंगोला में रहेंगी, जहाँ वह अंगोला की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लेंगी।
वह अंगोला की संसद को भी संबोधित करेंगी और अंगोला में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगी। इस यात्रा के दौरान अंगोला के कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों के भी राष्ट्रपति से मिलने की संभावना है।
11 से 13 नवंबर तक, राष्ट्रपति मुर्मु अपनी यात्रा के दूसरे चरण में बोत्सवाना जाएँगी। वह बोत्सवाना के राष्ट्रपति डूमा बोको के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी। इस में व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, रक्षा और लोगों के बीच संबंधों जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के नए रास्ते तलाशे जाएँगे।
बोत्सवाना ने प्रोजेक्ट चीता पर भारत के साथ सहयोग करने और बोत्सवाना से भारत में चीतों के संभावित स्थानांतरण के लिए अपनी तत्परता का भी संकेत दिया है।
यह किसी भी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इन दो अफ्रीकी देशों की पहली राजकीय यात्रा है। यह यात्रा इस बात पर जोर देती है कि भारत, अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को गहरा करने तथा वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ साझेदारी को और मजबूत करने को कितना महत्व देता है।