राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मॉरीशस यात्रा पूरी कर दिल्ली के लिए आज रवाना हो गई। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनौथ ने हवाई अडडे पर राष्ट्रपति को विदा किया। यात्रा के अंतिम दिन मॉरीशस की नेशनल असेंबली में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनौथ ने भाग लिया।
दोनों देशों के बीच सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अन्तर्गत मॉरिशस के लोक सेवा आयोग और भारत के संघ लोक सेवा आयोग के बीच समझौता किया गया। दूसरे समझौते में भारत और मॉरीशस के बीच दोहरे कराधान समझौते में संशोधन शामिल था। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण -गिफ्ट सिटी और मॉरीशस के वित्तीय सेवा आयोग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। दोनों देशों ने भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो और मॉरीशस के स्वतंत्र भ्रष्टाचार/वित्तीय अपराध आयोग के बीच एक समझौता किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौथ ने भारत से सहायता प्राप्त 14 छोटी विकास परियोजनाओं का भी वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ किया। भारत द्वारा वित्त पोषित नई फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की आधारशिला भी रखी गई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की यात्रा के बारे में विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच विशेष संबंध हैं। उन्होंने कहा कि मॉरीशस भारत की पड़ोस प्रथम नीति, सागर पहल और अफ्रीकी देशों के सम्पर्क अभियान में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
श्री क्वात्रा ने कहा कि भारत से सहायता प्राप्त 96 सामुदायिक विकास परियोजनाएं पूरे मॉरीशस में फैली हुई हैं।
नई दिल्ली रवाना होने से पहले, राष्ट्रपति ने पवित्र गंगा तालाब का दौरा किया और भगवान शिव की पूजा की। गंगा तालाब मॉरीशसवासियों, विशेषकर हिंदू समुदाय के जीवन में विशेष सांस्कृतिक, प्राकृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। महा शिवरात्रि के पवित्र सप्ताह के दौरान, विभिन्न देशों से लगभग चार लाख तीर्थयात्री भगवान शिव की पूजा करने के लिए गंगा तालाब पहुंचे हैं।